Short History

संक्षिप्त परिचय (Short History)

महात्मा असऊ बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा इस महाविद्यालय का निर्माण वर्ष 2016 में पूज्य पिता स्व० कृष्णानन्द पाण्डेय एवं पूज्य चाचा स्व० कमलाकान्त पाण्डेय की शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्र की शैक्षिक समृद्धि हेतु परम पूज्य महात्मा असऊ बाबा (जो एक सिद्ध पुरुष एवं ग्राम के ब्राह्मण कुल के जनक थें) के नाम पर तमसा नदी के पावन तट पर किया गया |

शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं हस्तान्तरण होता है | छात्र / छात्रा शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्तित्व का विकास तथा रास्ट्रीय संस्कृति को ग्रहण कर सकते हैं | शिक्षा हमारे अन्तर्निहित अज्ञान रूपी अन्धकार को दूर कर ज्ञानरुपी प्रकाश को प्रज्वलित करती है | यह व्यक्ति को सभ्य एवं सुसंस्कृत बनाने का एक सशक्त माध्यम है | यह हमारी अनुभूति एवं संवेदनशीलता को प्रबल करती है तथा वर्तमान एवं भविष्य के निर्माण का अनुपम स्रोत है | आज का मानव आपने मानवीय मूल्यों के प्रति विमुख हो चूका है | परम्परागत आदर्श समाप्त होते प्रतीत हो रहे हैं | हमारे आदर्श एवं विश्वास समाज में अनुपस्थित होते जा रहे हैं | ऐसी स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे मूल्यों को विकसित करने में सार्थक कदम उठा सकती है | शिक्षा हमारे वांछित शक्ति का विकास करती है | इसके आधार पर ही अनुसंधान और विकास को बल मिलता है | यह हमारी संवेदनशीलता और दृष्टि को प्रखर करती है | इससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है तथा समझ एवं चिन्तन में स्वतंत्रता आती है | एक प्रकार से शिक्षा राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता एवं मनुष्य के सर्वांगीण विकास की आधारशीला है |
इस भावना से हम आपके सहयोग एवं सुझाव सादर आमंत्रित करते हैं |